नोएडा की बुजुर्ग महिला को दिखाया ड्रग्स के मामले में जेल भिजवाने का डर, पांच दिनों तक बनाया डिजिटल बंधक
Noida News : देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा से डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने नोएडा के सेक्टर 49 में रहने वाली 73 साल की बुजुर्ग महिला शुचि अग्रवाल को 5 दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर उनसे 1.30 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। साइबर क्राइम थाने ने केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साइबर ठगों ने सेक्टर 49 निवासी शुचि अग्रवाल को एक पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। साइबर ठगों ने उन्हें जेल जाने का डर दिखाते हुए उनसे एक करोड़ 30 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगी का शिकार होने के बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में इस मामले की शिकायत दी है।
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ठगों ने पार्सल में ड्रग्स और एक्सपायर पासपोर्ट बरामद होने की जानकारी दी
पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता शुचि अग्रवाल ने बताया कि साइबर ठगों ने उन्हें 13 जून को फोन किया था। कॉल करने वाले ने फेडएक्स की अंधेरी शाखा से कॉल करने की बात कहते हुए उन्हें बताया कि उनका एक पार्सल पकड़ा गया है।
उन्हें बताया गया कि पकड़े गए पार्सल में एलसीडी ड्रग्स, एक्सपायर पासपोर्ट और 5 किलो कपड़े सहित कई अन्य सामान बरामद हुए हैं। इसके बाद कॉलर ने उन्हें मुंबई आने या नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों से ऑनलाइन बात करने की सलाह दी।
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ठगों ने कुल नौ बार ट्रांसफर करवाई रकम, दिखाया जेल जाने का डर
पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें स्काइप कॉल पर कनेक्ट कर नारकोटिक्स विभाग के कथित अधिकारियों से बात भी कराई। इस दौरान उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड पर छह अकाउंट चल रहे हैं, जिनसे मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है।
आरोपियों ने शुचि अग्रवाल को जेल भेजने का डर दिखाते हुए उनसे पैसे ट्रांसफर करने की बात कही। उन्होंने जेल जाने से बचने के लिए जालसाजों के बताए गए खातों में 1.30 करोड़ की रकम ट्रांसफर भी कर दी।
इस दौरान उन्होंने कुल नौ बार जालसाजों के खाते में रकम ट्रांसफर की। उनका खाता खाली होने तक पैसे ट्रांसफर कराए गए। बाद में जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो ठगों ने उनसे संपर्क तोड़ दिया।
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किसी भी तरह की होशियारी दिखाने पर जेल भेजने की दी धमकी
शिकायत के अनुसार साइबर ठगों ने पीड़िता को लगभग 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। उन्हें किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने या किसी अन्य से फोन पर बात करने की अनुमति नहीं दी। साथ ही आरोपियों ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि वे किसी भी तरह की होशियारी दिखाने की कोशिश करती हैं, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
ठगी के शुरुआती चरण में आरोपियों ने पीड़िता को लगभग 10 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। उन्हें बताया गया कि उनके बुजुर्ग होने के कारण उन्हें केवल सोते समय ही स्काइप कॉल से दूर रहने की अनुमति दी जाएगी। इस बीच साइबर जालसाजों ने उनके बैंक खाता खाली करवा लिए।
बाद में जब पीड़िता को ठगे जाने का एहसास हुआ, तो उन्होंने आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे। इसके बाद साइबर ठगों ने उनसे संपर्क तोड़ दिया। तब पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
-सार्थक खबर ब्यूरो
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