‘जेएनयू के छात्रों की बात पूरे देश सुनी जाती है, इसलिए आवाज उठाएं यहां के युवा’
Delhi Desk : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू (ABVP JNU) इकाई ने जेएनयू परिसर में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना पर एक मेस टॉक आयोजित किया। इस दौरान संदेशखाली की घटना को लेकर नेताओं ने कड़ा आक्रोश दिखाया और युवाओं से पीड़ित महिलाओं की आवाज को उठाने का आग्रह किया।
बता दें कि अभाविप की जेएनयू इकाई द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर के कोयना मेस में ‘सन्नाटे का शोर: पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ राजनीतिक हिंसा की वास्तविकता’ विषय पर एक मेस टॉक का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती राजनीतिक हिंसा की समस्या पर छात्र समुदाय का ध्यान आकर्षित कराना और इस मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा को बढ़ावा देते हुए प्रताड़ित महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित कराना था।
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सांसद डॉ. सुकांता मजूमदार और विधायक सुवेंदु अधिकारी रहे शामिल
कार्यक्रम में मुख्य और वक्ता अतिथि के रूप में डॉ. सुकांता मजूमदार, लोकसभा सांसद और बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में नंदीग्राम से विधायक और पश्चिम बंगाल विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने चर्चा में हिस्सा लिया और खुल कर जेएनयू के छात्रों से बात की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जेएनयू में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल एक्सक्लूशन एंड इंक्लूसिव पॉलिसी के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रणव कुमार ने की।
गौरतलब है कि संदेशखाली, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का एक गांव है, जहां फरवरी 2024 में महिलाओं ने धमकियों और प्रताड़ना के बावजूद अपने यौन उत्पीड़न की बात मीडिया के सामने रखीं। कुछ महिलाओं को उनके गांव में कुछ लोगों द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता था। आरोपियों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख और उनके दो साथी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार प्रमुख हैं।
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खूबसूरत महिला या लड़की को पार्टी ऑफिस ले जाकर करते थे उत्पीड़न
लोकसभा सांसद डॉ. सुकांता मजूमदार के अनुसार महिलाओं ने बताया कि शाहजहां शेख और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करते थे। अगर किसी घर में कोई खूबसूरत महिला या लड़की होती, तो उन्हें उठाकर पार्टी ऑफिस लाते थे और यहां इनका यौन उत्पीड़न किया जाता था। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी और उनके पतियों की पिटाई भी की जाती थी।
उन्होंने कहा कि बंगाल का संदेशखाली नर्क से कम नहीं है, जहां महिलाओं को अत्यंत बर्बर अत्याचार सहना पड़ रहा है। अपनी बात कहते हुए उन्होंने एक वयोवृद्ध महिला के बारे में बताया, जिसने अपनी बहु को मध्यप्रदेश काम करने के लिए भेज दिया है। उस महिला इस इस बात का कारण पूछने उसने बताया की इसकी बहू सुंदर है, यदि संदेशखाली में रखते, तो टीएमसी के लोग इससे उठा ले जाते और उसका तब तक बलात्कार करते, जबतक उनका जी नहीं भर जाता।
ABVP JNU on West Bengal Incident
महिलाएं अपनी पीड़ा की पराकाष्ठा को कर रही हैं बयां
सुकांता मजूमदार ने कहा कि इतनी अत्यंत बर्बर एवं दुरूह परिस्थिति में रहने के बावजूद साहस करते हुए वहां की महिलाएं जिस तरह आकर अपनी पीड़ा मीडिया को बता रही है, वह उनकी पीड़ा की पराकाष्ठा को बता रहा है। लंबे समय से वे न्याय के लिए पुलिस प्रशासन को अपनी बात बताने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन प्रशासन भी टीएमसी के साथ मिला होने के कारण महिलाओं को चुप रहने की धमकी मिल रही थी।
उन्होंने कहा कि जेएनयू के प्रतिभावान छात्रों की सशक्त आवाज पूरे देश में सुनी जाती है, इसलिए हम संदेशखाली की महिलाओं का कष्ट लेकर आपसे चर्चा करने आए हैं, ताकि उन शोषित महिलाओं की आवाज आप देश के कोने कोने तक पहुंचा सकें एवं उन्हें न्याय सुनिश्चित हो सके।
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टीएमसी नेता बचा रहे हैं अपने बलात्कारी नेताओं को
सांसद डॉ. सुकांता मजूमदार ने कहा कि बंगाल भी जेएनयू के वामपंथी गुटों की तरह हो चुका है। जिस प्रकार जेएनयू के वामपंथी अपने बलात्कारी कॉमरेडों को बचाने के लिए कार्य करते हैं, वैसे ही बंगाल में टीएमसी अपने बलात्कारी नेताओं को बचाने के लिए संदेशखाली में धारा 144 लगाकर शेख शाहजहां एवं अन्य ऐसे बलात्कारी नेताओं को बचाने और पीड़ित परिवारों को धमकाने का काम कर रही है।
संदेशखाली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के आरोपी शाहजहां शेख पर तत्काल कार्रवाई हो। हमें विश्वास है कि हमारी पीड़ित बहनों को न्याय दिलाने हेतु जेएनयू के युवा आवाज उठाएंगे। हम विद्यार्थी परिषद के आभारी हैं की जेएनयू जैसे संस्थान में हमें हमारी संदेशखाली की बहनों की आवाज रखने का मौका दिया।
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पश्चिम बंगाल को टीएमसी और वामपंथी गुंडों ने जकड़ा
अपनी बात रखते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी गुंडों ने जकड़ लिया है। ममता राज में रोज लोकतंत्र की हत्या हो रही है और देशभर के सेक्युलर इस विषय में चुप्पी साधे हुए हैं। परन्तु समय आने पर जनता इसका न्याय करेगी।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली की मन विचलित करने वाली घटना केवल एक घटना नहीं नहीं है, बल्कि पूरे बंगाल में टीएमसी के गुंडों का अत्याचार जारी है। बंगाल की डेमोग्राफी बहुत तेजी से परिवर्तित हो रही है। यह सब सुनियोजित ढंग से ममता सरकार द्वारा किया जा रहा है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि शेख शाहजहां ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की स्क्रीन को हमला करते हुए रुकवाया था और धमकी दी थी की यदि स्क्रीनिंग हुई, तो वहां के लोग अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे। जाधवपुर यूनिवर्सिटी में टीएमसी के लोग 26 जनवरी, सरस्वती पूजा आदि भी नहीं करने देते और छात्रों को धमकी देते हैं।
-सार्थक खबर ब्यूरो
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