जेसीआई की वर्चुअल मीटिंग में शामिल पत्रकारों ने कहा – ‘पत्रकार हितों को नजरअंदाज कर रही है सरकार!’
Delhi Desk : पत्रकार हितों के लिए समर्पित राष्ट्रीय संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (Journalist Council of India) ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आर-पार की लड़ाई छेड़ दी है। जेसीआई ने कहा है कि सरकार पत्रकार हितों को नजरअंदाज कर रही है, जिस कारण पत्रकारों के साथ अभद्रता और मारपीट की घटनाएं बढ़ी हैं।
बता दें कि जेसीआई के बैनर तले देश भर के पत्रकारों की एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई थी। इस वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता जेसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना ने की। उनके आह्वान पर समस्त पत्रकारों ने सरकार पर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का दबाव डालने की घोषणा भी की।
Journalist Council of India Meeting
विभिन्न स्तरों पर हो रहा है पत्रकारों का शोषण
वर्चुअल मीटिंग के दौरान जेसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना ने कहा कि सरकार ने पत्रकार हितों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। यही कारण है कि विभिन्न स्तरों पर पत्रकारों का शोषण किया जा रहा है। इसके खिलाफ जेसीआई की लड़ाई जारी रहेगी और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने तक पत्रकार शांत नहीं बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को डिजिटल मीडिया की मान्यता के लिए भी जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए और इसका पंजीकरण करना चाहिए। साथ ही प्रिंट मीडिया के लिए ई-पेपर को मान्यता देना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार को क्षेत्रीय पत्रकारों के लिए भी कारगर कदम उठाने होंगे, ताकि वे भी सम्मान के साथ जीवन जी सकें।
Journalist Council of India Virtual Meeting
बिना लड़े नहीं मिलेगा अधिकार
जेसीआई के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि आवाज उठाए बिना कुछ नहीं होगा। हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, तभी सरकार जागेगी और हमें अपने लिए सुरक्षा और अधिकार मिल सकेंगे। आज हम सभी को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
अपनी बात रखते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं जेसीआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य अशोक झा ने कहा कि पत्रकारों के साथ अभद्रता हो रही है, उन्हें मारा-पीटा जा रहा है और उनके ऊपर बेवजह फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Journalist Council of India Online Meeting
पत्रकारों में आक्रोश पैदा कर रही है सरकारी उदासीनता
वरिष्ठ पत्रकार एवं जेसीआई के मध्यप्रदेश संयोजक हरिशंकर पाराशर ने कहा कि पत्रकारों के प्रति सरकार पूरी तरह से उदासीन नजर आ रही है। इस कारण पत्रकारों में आक्रोश पैदा होने लगा है। अब समय आ गया है कि हम सभी जेसीआई के बैनर तले एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ें।
जेसीआई बिहार इकाई के संयोजक कुणाल भगत ने भी सरकारी उदासीनता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार प्रिंट मीडिया के क्षेत्रीय पत्रकारों और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यह बिल्कुल अनुचित है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
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पत्रकार हित में कानून बनने तक जारी रहेगी लड़ाई
जेसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी बी त्रिपाठी ने कहा कि अब बड़ी लड़ाई लड़ने का समय आ चुका है। पत्रकारों को अपने सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों के लिए अब एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक पत्रकारों के हित में कोई ठोस कानून लागू नहीं कर दिया जाता।
अपनी बात रखते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं जेसीआई पदाधिकारी राजा अवस्थी ने कहा कि सरकारी उपेक्षा के कारण पत्रकार आहत हैं। उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। आज हमें छोटे-बड़े की भावना को छोड़कर एकसाथ खड़ा होना होगा और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी।
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पत्रकारों से हर स्तर पर फायदा लेते हैं राजनीतिक दल
वर्चुअल मीटिंग में शामिल पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि कोई भी राजनीतिक दल पत्रकारों के हितों की बात नहीं कर रहा है, बल्कि सभी राजनेता हर स्तर पर पत्रकारों का फायदा उठा रहे हैं। यह पूरी तरह से अनुचित है। इसके खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी होगी।
पत्रकारों ने कहा कि यदि राजनीतिक दलों का यह रवैया जारी रहा, तो जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया व्यापक स्तर पर पत्रकारों के हितों और सुरक्षा के लिए संघर्ष करेगी। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक पत्रकारों के हित और सुरक्षा के लिए कोई ठोस कानून लागू नहीं कर दिया जाता।
Journalist Council of India Online Meeting Delhi
पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने से पहले राजपत्रित अधिकारी करें छानबीन
वर्चुअल मीटिंग के दौरान पत्रकारों ने कहा कि पत्रकारों को हर स्तर पर प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके ऊपर झूठे मुकदमे लिखे जा रहे हैं। परंतु सरकार और अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं। यह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
पत्रकारों ने कहा कि किसी भी पत्रकार के ऊपर मुकदमा दर्ज करने से पहले किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा मामले की जांच होनी चाहिए। इसके बाद ही संबंधित पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करने या न करने का फैसला लिया जाना चाहिए।
Journalist Council of India Meeting Outcome
पत्रकार संगठनों की सलाह से बने पत्रकारों के लिए कानून
पत्रकारों ने एक स्वर में पत्रकार सुरक्षा कानून सहित पत्रकारों के लिए अलग कानून बनाने की मांग भी की। पत्रकारों ने कहा कि पत्रकारों के संबंध में बनाए जाने वाले कानून पर चर्चा के दौरान सभी पंजीकृत पत्रकार संगठनों की सलाह भी ली जाए। पत्रकारों को सुरक्षा और अधिकार देने पर ही पत्रकार भी निडर होकर सम्मान के साथ जीवन जी सकेंगे।
पत्रकारों ने कहा कि आज सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण ही पत्रकार स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं। असुरक्षा की इस भावना को दूर करना सरकार का दायित्व है। इस वर्चुल मीटिंग के दौरान झारखंड की संयोजक अंशिका ओझा, डॉ. अम्मार आब्दी सहित कई अन्य पत्रकार मौजूद थे।
-सार्थक खबर ब्यूरो
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